Lipid Profile Test: 20 साल बाद क्यों जरूरी, जान लेंगे तो नहीं बनेगा साइलेंट किलर

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लिपिड प्रोफाइल ब्लड टेस्ट, यह लिपिड या फैट की सही मात्रा का पता लगाने का एक बेहतर तरीका है। इस तरह आपको पता चल सकता है कि आपके शरीर में लिपिड की मात्रा कितनी है, क्योंकि शरीर में लिपिड या वसा की कमी का कोई संकेत दिखायी नहीं देते हैं और ना ही ये एकदम  कोई नुकसान पहुंचाते  है।

लेकिन ये आपकी बॉडी  में साइलेंट किलर की तरह फैलता है या बढ़ता रहता हैं, जो कि एक दिन अचानक हार्ट अटैक या कार्डिएफ अरेस्ट के रूप में बाहर आते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसर, ज्यादातर  लोगो की मौत हार्ट अटैक या कार्डिएफ अरेस्ट से हो जाती है। हम लोग कई बार सुनते हैं कि डांस करते वक्त युवा की मौत हो जाती है या राह चलते वक्त युवा की हार्ट अटैक से मौत हो जाती है या जिम में वर्कआउट करते समय युवा की मौत हो जाती है। यह एक अहम सुझाव है कि सभी युवाओं को 20 साल की उम्र के बाद लैपिड प्रोफाइल टेस्ट कराना चाहिए। 

लिपिड  प्रोफ़ाइल टेस्ट  क्यों  ज़रूरी है

हम सभी जानते हैं कि लिपिड या बासा हमारे शरीर के लिए बहुत ज़रूरी है। यह प्रोटीन या कार्बोहाइड्रेट के बाद सबसे जरूरी होता है हमारे शरीर के लिए। फैट को हम एक तरह का चिपचिपा पदार्थ  कह सकते हैं जो कि बॉडी में बहुत सारे काम करता है लेकिन ये ज्यादा मात्रा हो जाने पर बॉडी में जमा होने लगता है। जमा होने के कारण ये हार्ट से निकलने वाली धमनियों को घेरने लगता है या ये धमनियों में चिपकने लगता है जिससे खून का प्रवाह कम हो जाता है या खराब हो जाता है ये हार्ट अटैक या कार्डिएफ अरेस्ट आने का कारण बनता है औऱ ये आपके लिए जानलेवा भी हो सकता है.

आजकल लिपिड या वसा बढ़ने का अहम कारण अस्वस्थ्य खानपान होना या शारीरिक गतिविधि ना करना है इसलिए युवा ज्यादातर इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। शरीर की सही तरह से देखभाल ना करने के कारण लिपिड की मात्रा बढ़ती है।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से मिलती हैं इन चीजों की जानकारी

  • एचडीएल  कोलोस्ट्रल- एचडीएल  कोलोस्ट्रल को खराब कोलोस्ट्रल कहा जाता है, इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है क्योंकि एचडीएल  की मात्रा अधिक होने के कारण आपकी धमनिया में प्लाक जाम हो जाता है। 
  • एचडीएल  कोलोस्ट्राल- एचडीएल  कोलोस्ट्रल को अच्छा कोलोस्ट्रल माना जाता है। क्यूकी ये आपके धमनियों में ज्यादा कोलोस्ट्रोल को बढ़ने से रोकता है या दिल के रोग का खतरा कम करता है
  • ट्राइग्लिसराइड- ट्राइग्लिसराइड आपके रक्त में वसा का एक दूसरा रूप है। ट्राइग्लिसराइड का अधिक मात्रा में होना हृदय रोग बढ़ने का कारण बनता है।
  • एलडीएफ अनुपात- इस अनुपात में एक बार एलडीएल कोलोस्ट्राल के तुलना एचडी एल कोलोस्ट्रॉल से की जाती है। अधिक अनुपात होना हृदय रोग का खतरा बढ़ने का कारण बनता है।
Lipid Test

कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए जरूरी कदम

जब आप अपना लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाते हैं और अगर आपका कोलोस्ट्रोल लेवल बड़ा होता है तो डॉक्टर आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल पर कम  करने के लिए, आपकी जीवनशैली  में  कुछ बदलने करने की  सलाह देते  है, या दवा देते है। कोलोस्ट्रोल लेवल सही करने के लिए आपको स्वास्थ्य आहार लेना पड़ता है, व्यायाम करना पड़ता है या वजन कम करना पड़ता है या इसके साथ आपको धूम्रपान या शराब पीना छोड़ पड़ता है।

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