PM Modi goals: आने वाले 4 साल में मुख्य देशों को प्रदर्शन करना, IMF का समर्थन।

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IMF की उपाध्यक्ष Gita Gopinath ने बताया कि according to PM Modi goals 2027-28 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, और उन्होंने इस बारे में कहा कि भारत का वैश्विक योगदान 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।

भारत में हुए दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) को पूरी दुनिया ने सफल माना है और देश की सराहना की है। इस सम्मेलन के माध्यम से भारत ने अपने अर्थव्यवस्था और ग्लोबल स्टेज पर अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका को और भी मजबूत किया है। इस सम्मेलन के आयोजन को भारत ने अपने ग्लोबल उद्देश्यों के साथ निर्देशित किया और सफलतापूर्ण रूप से प्रमाणित किया है कि वह एक महत्त्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।

भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, और इसकी खबर सभी वैश्विक आर्थिक एजेंसियों ने स्वागत की है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और वर्ल्ड बैंक जैसे प्रमुख आर्थिक संगठनों ने भारत की सकारात्मक आर्थिक प्रगति को अभिवादन दिया है।

G-20 में, भारत ने अपने प्रस्तावों को प्रस्तुत किया और दुनिया के अन्य सदस्य देशों से सहमति प्राप्त की। यह सम्मेलन भारत के उद्देश्यों को ग्लोबल मंच पर उतारने का मौका प्रदान करता है और दुनिया को यह दिखाता है कि भारत एक सामर्थ्य आर्थिक बल के रूप में उभर रहा है।

सम्मेलन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ड्रीम को मुहर लगाईं। इसका अर्थ है कि वह विश्व समुदाय के साथ काम करके भारत को एक और बड़े पदक्षेप की ओर अग्रसर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे स्पष्ट होता है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत बनाने के लिए ग्लोबल सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

PM Modi goals: 2047 तक एक विकसित देश बनाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनकी सरकार ने भारत के साल 2047 तक विकसित देशों की सूची में शामिल होने और पांच-छह साल के अंदर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी के रूप में उभरने का सपना देखा है। 

आज, अर्थव्यवस्था की गति लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में तेजी से बढ़ रही है। अब, वैश्विक संगठनें भी प्रधानमंत्री मोदी के इस सपने का समर्थन कर रही हैं। G-20 में शामिल होने वाली IMF की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ ने कहा है कि भारत को ग्लोबल ग्रोथ के इंजन के रूप में देखा जा सकता है, और इसकी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता।

चार सालों में, भारत तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगा!

Gita Gopinath ने बताया है कि 2027-28 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में भारत ग्लोबल डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और दुनिया की ग्रोथ में उसका योगदान 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। हालांकि, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने श्रम बाजार में सुधार, व्यापार के लिए आसानी, शिक्षा की गुणवत्ता, और महिला श्रम बल की भागीदारी को बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण बात की है।

6 फीसदी ग्रोथ का जताया अनुमान

गीता गोपीनाथ के मुताबिक, जो आंकड़े भारत को लेकर सामने आ रहे हैं, उनकी विश्वसनीयता पर कोई संदेह नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। चालू वित्त वर्ष के लिए 6 फीसदी से अधिक की वृद्धि का अनुमान जताते हुए उन्होंने कहा कि विकास के उच्च स्तर को बनाए रखने और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को आकर्षित करने के लिए संरचनात्मक सुधार आवश्यक हैं। इसके अलावा, दुनिया की तमाम ग्लोबल एजेंसियों ने भारत के बढ़ते कदमों की भी सराहना की है।

भारत जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ सकता है

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) द्वारा जारी किए गए अनुमान के अनुसार, भारत 2027 में जापान और जर्मनी जैसे देशों को प्राप्त करके दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है। साल 2014 से 2023 तक की अवधि में, भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई मान्यता प्राप्त की है।

2014 में यह 10वें स्थान पर थी, लेकिन आज वो ग्लोबल इकोनॉमी में पांचवे स्थान पर पहुंच चुकी हैं। कोरोना काल में जब दुनिया की अर्थव्यवस्थाएँ मुश्किल समय से गुजर रही थीं, तब भारतीय अर्थव्यवस्था ने इस संकट को पार करने के लिए इतनी गति पकड़ी कि पूरी दुनिया ने इसे सराहा है।

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