मिठाइयों की बढ़ाई निगरानी: दिवाली के दौरान FSSAI का एलर्ट

Share your love

प्रत्येक त्योहार के पूर्व देश में नकली मिठाई के खिलवाड़गिरी बढ़ जाती है, और खासकर दिवाली जैसे उपहारों के अवसर पर नकली मिठाई के विक्रेताओं की संख्या बढ़ जाती है। इस दिवाली पर, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए सरकार ने कदम उठाया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और मानक अधिकारिता प्राधिकृति (एफएसएसएआई) ने देश भर के अपने 4,000 राज्य स्तरीय अधिकारियों को मिठाई खुदरा विक्रेताओं और उत्पादकों की निगरानी और पर्वों के समय नकली मिठाई के खिलवाड़ को तेजी से रोकने के लिए दिशा निर्देश दिया है।

अब त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है, और दशहरा के बाद, लोग अब दिवाली, धनतेरस, और भाई दूज के आगमन का बेताबी से इंतजार कर रहे हैं। इन खुशियों में, सबसे ज्यादा उपयोगित चीज होती है मिठाई। त्योहारों के बिना, मिठाई के बिना खुशियों का आनंद अधूरा होता है। इसी वजह से त्योहारी सीजन के आते ही, मिठाईयों की मांग बढ़ जाती है और इसके साथ ही नकली मिठाईयों का व्यापार भी बढ़ जाता है।

इस बार, सरकार ने नकली मिठाई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, जिससे लोगों को नकली मिठाई से बचाने में मदद मिल सकती है।

वास्तव में, दिवाली के दौरान, खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण, यानी एफएसएसएआई, ने देशभर में अपने 4,000 राज्य स्तरीय अधिकारियों को मिठाइयों में मिलावट की जांच करने और मिठाई खुदरा विक्रेताओं और निर्माताओं की निगरानी को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्हें स्पष्ट रूप से यह निर्देश दिया गया है कि जहां भी इस प्रकार की दुराचारी क्रिया हो रही हो, वहाँ कठिन कार्रवाई की जानी चाहिए।

सबसे अधिक मिलावट आमतौर पर दूध के माध्यम से होती है।

दूध के मामले में भारत में सबसे अधिक मिलावट की जाती है, और अधिकांश मिठाइयां दूध से बनाई जाती हैं। एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी. कमला वर्धन राव के अनुसार, आमतौर पर दिवाली के त्योहार के समय, मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है। इसलिए, एफएसएसएआई ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपने अधिकारियों को मिठाइयों में मिलावट की जांच के लिए निगरानी में वृद्धि करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दुकानों की निगरानी करने और गुणवत्ता की जांच के लिए नमूने एकत्र करने के लिए कहा गया है। उन्हें गुणवत्ता मानदंडों का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है।

निगरानी में वृद्धि की जा रही है।

त्योहारों के दौरान लोगों को इस प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए इस साल एफएसएसएआई ने निगरानी नमूनों की संख्या को एक लाख तक बढ़ा दिया है, और अगले साल यह संख्या सात लाख तक बढ़ा दी जाएगी। इसके अलावा, दूध और डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एएनडीडीबी) और भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा संयुक्त रूप से एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस सरकारी सर्वेक्षण में लगभग 10,000 नमूने इकट्ठे किए जाएंगे, और यह सर्वेक्षण एक महीने में पूरा किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि यह कदम मिलावट को पकड़ने में मदद करेगा और आम लोगों को त्योहारों में असली मिठाई का आनंद ले सकते हैं।

Also Read: पंचकूला में हुआ देश के सबसे बड़े रावण का दहन, 18 लाख रुपये हुए खर्च! जानें क्या था खास

Share your love